धर्मपुर एक्सप्रेस। मंडी
मंडी से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कह रहे हैं की नेशनल हेराल्ड उनका अखबार है और वह आगे भी उसको खूब विज्ञापन देते रहेंगे। तो मुख्यमंत्री महोदय यह बात समझ लें कि सरकार उनकी है और नेशनल हेराल्ड अखबार उनका है लेकिन प्रदेश की संपत्ति, प्रदेश का संसाधन उनका नहीं है। जिसे वे अपनी सहूलियत और इच्छा के अनुसार जिस पर चाहे उस पर लुटा सके। मुख्यमंत्री महोदय को यह समझना चाहिए कि सरकार नियम, कायदे और कानून से चलती है, अपने पराए के भेदभाव के साथ नहीं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि अगर नेशनल हेराल्ड अखबार उनका है तो प्रदेश के लोग प्रदेश के लोगों की समस्याएं, प्रदेश के लोगों के दुख दर्द क्या उनके नहीं है? क्या प्रदेश के लोगों की समस्याओं का समाधान सरकार का काम नहीं है? क्या मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों को इसी तरह उनके हाल पर छोड़ देंगे और घोटाले में लिप्त एक कंपनी और अपने पार्टी के अखबार को बचाने के लिए प्रदेश की संपत्ति उन पर लुटाते रहेंगे। प्रदेश में लोग इलाज के लिए तरस रहे हैं। अस्पताल में डायबिटीज जैसी बीमारी की जांच की किट तक उपलब्ध नहीं हो रही है, आईजीएमसी में एमआरआई के लिए चार-चार महीने बाद की तारीख है मिल रही है। सहारा और शगुन जैसी योजना का भुगतान बंद है। प्रदेश भर में ठेकेदार अपने दो-दो साल पुराने भुगतान के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, काम का बहिष्कार कर रहे हैं। पेंशनर और कर्मचारियों को दो साल से इलाज का पैसा नहीं मिल रहा है। क्या इन समस्याओं का समाधान करना मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी नहीं है? प्रदेश के लोगों ने कांग्रेस की सरकार को प्रदेश के विकास के लिए चुना था या नियमों की अनदेखी करके नेशनल हेराल्ड को मनमाना विज्ञापन देने के लिए चुना था?
जयराम ठाकुर ने कहा कि बजट सत्र के दौरान विधानसभा में एक सवाल के जवाब में सुक्खू सरकार ने बताया है कि पिछले सवा दो साल में सुक्खू सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया को अपने कार्यकाल में लगभग 5 करोड़ 82 लाख रुपए का विज्ञापन के लिए दिया गया है। जिसमें से अकेले कांग्रेस के अखबार नेशनल हेराल्ड और नवजीवन को लगभग 2 करोड़ का विज्ञापन दिया गया है। इस हिसाब से सरकार द्वारा प्रदेश की मीडिया को दिए गए विज्ञापन के कुल बजट का एक तिहाई अकेले नेशनल हेराल्ड और नवजीवन को दिया गया है। जबकि यह दोनों अखबार हिमाचल प्रदेश में न कहीं दिखते हैं, न कहीं बिकते हैं और न ही कोई इन्हें पढ़ता है।
Author: Dharampur Express
Himachal Pradesh