शहीदों की शहादत को ना मिला मान सम्मान सुक्खू सरकार सिर्फ बनकर रह गई है सिर्फ शादियों में मेहमान : विनोद ठाकुर

धर्मपुर एक्सप्रेस। हमीरपुर

जब से सुक्खू सरकार हिमाचल प्रदेश में स्थापित हुई है तब से शहीदों की शहादत को ना कभी मान मिला ना सम्मान कांग्रेस सरकार व खुद मुख्यमंत्री सिर्फ शादियों में नजर आए भारतीय सैनिक प्रशासन हर तरह से सक्षम मोदी सरकार में है फिर भी शहीद परिवार सहानुभूति भरी की नजरों से प्रदेश सरकार की तरफ देखता है लेकिन वहीं पिछले दो सालों में हिमाचल के कई जवान शहीद हुए उनकी अंत्येष्टि या उसके बाद भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जाना जरूरी नहीं समझा यह बात भाजपा के जिला सचिव विनोद ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ जब भी भाजपा की सरकार हिमाचल प्रदेश में होती थी तो हर शहीद की शहादत को पूरा मान सम्मान मिलता था। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल हो या फिर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार कभी भी किसी शाहिद की शहादत और उसके परिवार को अनदेखा नहीं किया गया।

जब भी किसी शाहिद का पार्थिव शरीर उसके घर आता था तो स्वयं भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री उनके घर जाकर परिवार को मान सम्मान देते थे । एक समय वह भी था जब 26 जुलाई 1999 को दो माह तक का पाकिस्तान के साथ चले कारगिल युद्ध विराम में हिमाचल के 52 वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुतियां दी थी। ऑपरेशन विजय में देश के 527 जवान शहीद हुए जिनमें 52 हिमाचल प्रदेश के जवान थे उसे समय रहे मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने हर शहीद के घर जाकर उनके साहस और वीरता के आगे नतमस्तक हुए थे 2017 से 22 तक जयराम सरकार ने भी हर शहीद की शहादत को उनके घर जाकर पूरा मान सम्मान दिया । उन्होंने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा में कभी भी देश के सैनिकों को और शहीदों को कभी तवज्जो नहीं दी गई । जनता वह दिन भी जानती है कि जब पुलवामा हमला हुआ था तो उसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक पर भी कांग्रेस ने सवाल उठाए थे और कांग्रेस प्रदेश सरकार के मुखिया अपने शीर्ष नेतृत्व के नक्शे कदम पर चल रही है।

विनोद ठाकुर ने सवाल उठाते हुए कहा कि वहीं पिछले दो वर्षों में हुई शाहिद की शहादत को कांग्रेस सरकार व मुख्यमंत्री ने मान सम्मान तो छोड़ो मिलना भी उनसे जरूरी नहीं समझा । जब भी शहीदों की शहादत को सम्मान दिया जाता है तो उसमें हिमाचल प्रदेश के शहीदों का नाम हमेशा सर्वोच्च स्थान पर लिया जाता है लेकिन पिछले दो वर्षों में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री को किसी भी शहीद को अंत्येष्टि में नहीं देखा गया मुख्यमंत्री को यह नहीं भूलना चाहिए कि हिमाचल के सैनिकों और हिमाचल के हुए शहीदों की शहादत से ही हिमाचल प्रदेश को पूरे देश में सर्वोच्च स्थान मिलता है मुख्यमंत्री राजनीतिक लालसा में रहते हुए शहीदों की शहादत का अपमान ना करें।

Dharampur Express
Author: Dharampur Express

Himachal Pradesh