अनुराग सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र की महिलाएं घरों में उगा रहीं धनकुबेर मशरूम 

धर्मपुर एक्सप्रेस। हमीरपुर 

हवाओं से बातें करतीं खड़ी चोटियाँ दूर तक फैले हरे भरे मैदान और कड़ी मेहनत से जीवन जीने वाले लोग यही है हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की पहचान। लेकिन अब इन पहाड़ों में एक नई कहानी लिखी जा रही है एक बदलाव की कहानी आत्मनिर्भरता की कहानी। इस कहानी की नायिकाएं हैं हमीरपुर की 141 महिलाएं, जिन्हें सांसद अनुराग सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में अपने घरों में ही धनकुबेर उगाने का हुनर सिखाया जा रहा है। ये महिलाएं अब औषधीय मशरूम की खेती कर रहीं जो न सिर्फ उनकी आर्थिकी को मजबूत करेगा बल्कि पहाड़ों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा। इस औषधीय मशरूम की खेती के माध्यम से हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र की महिलाओं ने कुल ₹4,41,691 की कमाई की। अब स्वयं सहायता समूह की ये महिलाएँ मार्गदर्शन व उन्हें अपने उत्पाद को बेचने के लिए बाज़ार से जोड़ने के लिए सांसद अनुराग सिंह ठाकुर का आभार व्यक्त कर रही हैं।पहाड़ों का जीवन हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है। सीमित संसाधनों और दूर-दराज के बाजारों के कारण महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना मुश्किल होता हैपर स्थानीय सांसद अनुराग सिंह ठाकुर के सहयोग से अब हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की महिलाएँ अपने घरों में ही कमाई का हुनर सीख गई हैं। सामाजिक संगठनों के सहयोग से चलाए जा रहे इस कार्यक्रम में महिलाओं को *गनेडोर्मा और शिताके* नामक औषधीय मशरूम उगाने का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान इन मशरूमों के औषधीय गुणों, बाजार में उनकी मांग और खेती के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।खास बात यह है कि प्रशिक्षण ही नहीं बल्कि मशरूम की खेती शुरू करने के लिए जरूरी सभी चीजें भी महिलाओं को निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। मशरूम उगाने के लिए उपयुक्त बैग्स उन्हें टांगने के लिए शेल्फ और अन्य उपकरणों के साथ ही मशरूम के बीज भी महिलाओं तक पहुंचाए जा रहे हैं। यही नहीं तैयार मशरूम को बेचने में भी उनकी मदद की जाएगी। महिलाओं के अधिक सहयोग के लिए यह भी सुनिश्चित किया गया है कि मशरूम सीधे उनके घरों से ही खरीद लिया जाएगा। औषधीय मशरूम की बाजार दर लगभग ₹1000 प्रति किलो प्राप्त हो रही है जिससे महिलाओं को अच्छी कमाई हो रही है।हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की अन्य पंचायतों की महिलाएं पहले भी इस पहल से जुड़ी है और उन्होंने भी इससे लाभ उठाया है। अभी तक महिलाओं ने औषधीय मशरुम के माध्यम से तकरीबन 12 लाख कमाए है ।इन सभी का कहना है कि यह प्रशिक्षण उनके जीवन में बदलाव लाएगा और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा। घरेलू जिम्मेदारियों को निभाते हुए अब वे अपने परिवार की आमदनी में भी सहयोग कर सकेंगी। इससे न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि उनके परिवारों का जीवन स्तर भी ऊपर उठेगा।

 

पहाड़ों में विकास की राह हमेशा कठिन रही है, लेकिन हमीरपुर की यह पहल एक नई मिसाल बन रही है। यह सिर्फ महिला सशक्तिकरण का ही नहीं बल्कि महिला संचालित विकास का भी एक शानदार उदाहरण है। अपने हाथों से धन उगाने का हुनर सीख रहीं ये महिलाएं पहाड़ों में विकास की एक नई कहानी लिख रही हैं। निश्चित रूप से यह पहल पूरे देश के लिए प्रेरणा बन सकती है।

Dharampur Express
Author: Dharampur Express

Himachal Pradesh