आईजीएमसी कॉन्ट्रैक्ट वर्करज़ यूनियन ने सीटू के बैनर तले किया मौन प्रदर्शन

धर्मपुर एक्सप्रेस। शिमला

 

आईजीएमसी के दो सौ के लगभग सफाई, वार्ड अटेंडेंट, सुरक्षा, नर्सिंग, डेटा एंट्री ऑपरेटर व अन्य कोविड कर्मियों तथा 24 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर रखने के मुद्दे पर आईजीएमसी कॉन्ट्रैक्ट वर्करज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू ने आईजीएमसी शिमला के बाहर जोरदार मौन प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सैंकड़ों मजदूरों के साथ ही दो महीने के नवजात शिशु के साथ नौकरी से निकाली गई रेणु ठाकुर व पिछले एक महीने से तीन ऑपरेशनों से गुज़रे उनके पति सुरेंद्र ठाकुर भी शामिल हुए। इस दौरान आईजीएमसी कर्मियों ने काम बंद रखा। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर नौकरी से निकाले गए सुरक्षा कर्मियों व कोविड कर्मियों को न्याय न मिला तो आंदोलन तेज होगा।

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व जिला कोषाध्यक्ष बालक राम ने कहा कि आईजीएमसी से दो सौ कोविड योद्धाओं को रोज़गार से बाहर करना मानवता को शर्मसार करने की घटना है। उन्होंने कहा कि 24 सुरक्षा कर्मियों के नौकरी से बाहर करना देश कद कानून का गला घोंटना है। उन्होंने कहा कि सिक्योर गार्ड को दिए गए सुरक्षा कर्मियों के ठेके में महाघोटाला है। इस पर कार्रवाई करने के लिए देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जांच की मांग की जाएगी। इस घोटाले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

टेक्निकल बिड इवैल्यूएशन के 70 अंकों के आधार पर सिक्योर गार्ड कम्पनी ठेके के लिए एप्लाई करने के लिए भी पात्र नहीं थी क्योंकि उसके 70 में से शून्य अंक हैं। ठेके के लिए वर्ष 2019 से हर साल इनकम टैक्स रिटर्न भरना अनिवार्य था परन्तु कम्पनी सितम्बर 2020 में बनी तो फिर इसने वर्ष 2019 का आयकर कैसे भर दिया। कम्पनी को ठेके की शर्तों के अनुसार वर्ष 2017 से 2022 तक के पांच वर्षों में एक जगह पर 100 से अधिक व कुल 300 सुरक्षा कर्मियों से कार्य अनुभव होना अनिवार्य था परन्तु कम्पनी का कार्य अनुभव तो तीन वर्ष का भी नहीं है। इस तरह कम्पनी को ठेका मिलना तो दूर की बात यह कम्पनी बिडिंग प्रक्रिया में शामिल होने के लिए भी पात्र नहीं थी। इस घोटाले को जनता में उजागर किया जाएगा व इसके खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा। उन्होंने आईजीएमसी में कर्मियों को नौकरी से बाहर करने व ठेके में हुए घोटाले के खिलाफ आंदोलन तेज करने का आह्वान किया है। आंदोलन के तहत जेल भरो, गिरफ्तारियां, चक्का जाम, राजभवन मार्च, सचिवालय मार्च व ओक ओवर मार्च किया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी यूनियन प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र लाल, सुरक्षा कर्मी यूनियन अध्यक्ष देवराज बबलू, सफाई कर्मी यूनियन अध्यक्षा निशा व महासचिव सरीना ने कहा कि आईजीएमसी में अंग्रेजों के ज़माने के काले कानून आज भी जारी हैं। यहां हायर एन्ड फायर नीति जारी है व कानून का गला घोंट कर दो सौ कोविड कर्मियों व 24 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कर्मियों को नौकरी से बाहर करने का निर्णय गैर कानूनी है। इसे तुरन्त वापिस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में सुरक्षा कर्मियों व कोविड कर्मियों की मानसिक प्रताड़ना की जा रही है। ठेकेदार बदलने पर उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है जोकि यूनियन से आईजीएमसी प्रबन्धन द्वारा किए गए समझौते व औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 25 एच का खुला उल्लंघन है। आईजीएमसी प्रबन्धन भी नए ठेकेदार के साथ मिलकर श्रम क़ानूनों की खुली अवहेलना कर रहा है।

Dharampur Express
Author: Dharampur Express

Himachal Pradesh