नई दिल्ली संवाददाता
भारत के केंद्रीय वित्त मंत्री और ब्रिटेन के चांसलर ऑफ द एक्सचेकर द्वारा संयुक्त वक्तव्य को अपनाने के साथ 12वीं ईएफडी संपन्न हुई
दोनों देशों ने भारत की राष्ट्रीय इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के समर्थन में विशेषज्ञता और निवेश का लाभ उठाने के लिए एक सहयोगी पहल, भारत-यूके इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस ब्रिज की घोषणा की
भारत और ब्रिटेन दोनों को जीआईएफटी आईएफएससी में वित्तीय सेवाओं और निवेश गतिविधियों को बढ़ावा देने की उम्मीद
12वें ईएफडी के मौके पर, मंत्रियों ने भारत-यूके वित्तीय साझेदारी (आईयूकेएफपी) बैठक में भी भाग लिया
मंत्रिस्तरीय भारत-ब्रिटेन आर्थिक और वित्तीय वार्ता का 12वां दौर आज नई दिल्ली में आयोजित किया गया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने किया और यूके प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व माननीय सांसद और यूके चांसलर ऑफ द एक्सचेकर जेरेमी हंट ने किया।
भारत और यूके ने वित्तीय सेवाओं पर अपने सहयोग को गहरा करने, एक-दूसरे की ताकत के साथ आगे बढ़ने और वित्तीय समावेशन और सतत विकास की दिशा में आपसी आकांक्षाओं का समर्थन करने की प्रतिबद्धता दोहराई। जीआईएफटी आईएफएससी में वित्तीय सेवाओं और निवेश को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा की जा रही गतिविधियों का समर्थन करने के लिए यूके की प्रतिबद्धता के संदर्भ में उम्मीद का माहौल देखा गया है।
बातचीत में बुनियादी ढांचे के विकास की प्राथमिकताओं, मजबूत फिनटेक साझेदारी और दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों के लिए टिकाऊ वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए भारत और यूके के बीच ज्ञान साझा करने, सहयोग और समर्थन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।
दोनों पक्षों ने व्यापक आर्थिक और बहुपक्षीय मुद्दों पर आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श किया। दोनों देशों ने भारत-यूके इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस ब्रिज की घोषणा की, जो भारत की राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के समर्थन में विशेषज्ञता और निवेश का लाभ उठाने के लिए एक सहयोगी पहल है।
यह वार्ता भारत के केंद्रीय वित्त मंत्री और यूनाइटेड किंगडम के चांसलर ऑफ एक्सचेकर द्वारा संयुक्त वक्तव्य को अपनाने के साथ संपन्न हुई।
Author: Dharampur Express
Himachal Pradesh