हिमाचल में नहीं होने दिए जाएंगे मास्टर सलीम के जागरण: बाल बाबा योगी ज्ञान नाथ

चिंतपूर्णी।

मशहूर कव्वाल मोहम्मद सलीम खान के विरुद्ध संत समाज का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। संत समाज अब सलीम के जागरणों का हिमाचल प्रदेश में आयोजन नहीं होने देगा। मोहम्मद सलीम खान जिसे मास्टर सलीम भी कहा जाता है ने माता चिंतपूर्णी के ऊपर एक अभद्र टिप्पणी की थी। कुछ पुजारियों का उल्लेख किया था जिन्होंने स्वयं माता चिंतपूर्णी का नाम किसी गुलाम शाह के साथ जोड़ा था।

जब विरोध हुआ तो मंदिर जाकर माफी मांग ली और पुजारियों ने ही इस माफी के ड्रामे को पूरा किया।

वीरवार को बाल योगी बाबा ज्ञाननाथ जी महाराज थानाकलां वाले, डासना के संत यति सत्यदेवानंद सरस्वती महाराज ने मोहम्मद सलीम खान द्वारा मां चिंतपूर्णी पर अभद्र टिप्पणी के विषय पर ऊना में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया।

बालयोगी ने कहा कि “मन्दिर के पुजारियों ने विषय की गहराई में गए बिना ही मोहम्मद सलीम को मंदिर में दाखिल करवाया और बाद में पुजारियों द्वारा उससे माफी मंगवा ली गई। इस तरह की माफी निंदनीय है।

मां चिंतपूर्णी के पुजारियों को मोहम्मद गौरी का इतिहास याद करने की आवश्यकता है। कैसे उसने पकड़े जाने के बाद 17 बार माफी मांगी थी और 18 वीं बार कैसे पृथ्वीराज चौहान की दोनो आंखों को फोड़ा था। लेकिन फिर भी पुजारियों को यह लगता है कि उसे माफ कर देना चाहिए तो एक बार उनके किसी नबी या पैगम्बर पर टिप्पणी करके देख लें। भाईचारे का पता चल जायेगा। अखिल भारतीय सन्त परिषद् अपने स्तर पर उस सनातन धर्म के द्रोही पर एक्शन लेगी। हम हिमाचल प्रदेश में कहीं भी उसका जागरण नहीं होने देंगें।

पत्रकारों को संबोधित करते हुए यति ने कहा कि ” सलीम खान को माफी देने का अधिकार उन पुजारियों को कैसे हो सकता है जिन्होंने किसी इस्लामिक पीर गुलाम शाह को माता जी के साथ जोड़ा था।

मोहम्मद सलीम खान तो इस्लामिक पीरों का कव्वाल है। वह अली मौला, खुदा और अल्लाह का उपासक है। माता की भेंटे गाकर उसने करोड़ों का साम्राज्य स्थापित किया है। इसलिए उससे पूछना चाहिए कि वह किस दिन की बात कर रहा है। चिंतपूर्णी मंदिर में अगर कोई हिंदू पुजारी बचा है तो उसे जांच की जिम्मेदारी उठानी चाहिए कि किन किन पुजारियों को लगता है कि गुलाम शाह अथवा मुराद शाह उनका बाप है।

चिंतपूर्णी मंदिर के जिन पुजारियों का बाप गुलाम शाह है उन्हें तत्काल प्रभाव से मंदिर से बाहर निकाला जाए।

संत समाज जानना चाहता है कि हिंदुओं की खाल में ऐसे कितने विधर्मी हैं जो हमारे मंदिरों में दाखिल हो चुके हैं। ऐसे पुजारियों को ढूंढकर उनके नाम सार्वजनिक किए जाएं।

बालयोगी बाबा ज्ञान नाथ ने कहा कि हम हिंदुओं को बार बार कह चुके हैं कि मोहम्मद सलीम को अपने मंदिरों और जगरातों में मत बुलाया करो। वह सिर्फ एक कव्वाल है जो हमारी भजन पद्धति और शास्त्रीय संगीत को दूषित कर रहा है। मास्टर सलीम अगर मां चिंतपूर्णी को अपनी माता समझता है तो वह किसी गुलाम शाह को पिता नहीं मान सकता।

हिंदू समाज इस बात को समझ नहीं रहा है कि मास्टर सलीम जैसे लोग हिंदू संस्कृति को दूषित करने में लगे हैं। वे धीरे धीरे इस्लामिक पीरों, इस्लामिक सोच को हिंदुओं के अवचेतन मन में डालते जा रहे हैं। इससे इस्लामिक जिहादियों को हिंदुओं के भीतर पैठ बनाना आसान हो जाता है। ऐसे कव्वालों से सावधान रहें। उन्हें किसी भी कार्यक्रम, जागरण, पार्टी या रैली में न बुलाएं। हिंदुओं का धन हिंदू विरोधियों पर खर्च न करें।

Dharampur Express
Author: Dharampur Express

Himachal Pradesh