जॉब ट्रेनी पॉलिसी युवाओं के साथ एक धोखा : डॉ. सुमित पुन्याल 

धर्मपुर एक्सप्रेस। हमीरपुर 

डॉ. सुमित पुन्याल ने हिमाचल प्रदेश में लागू की गई नई जॉब ट्रेनी पॉलिसी को लेकर गहरी नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा, इस नई नीति के माध्यम से सरकार नौजवानों को स्थायी रोजगार से वंचित कर अस्थायी मानदेय आधारित नौकरियों में धकेल रही है, जहाँ उन्हें न तो कर्मचारी अधिकार प्राप्त होंगे, न पेंशन, न सेवा सुरक्षा। ट्रेनी का दर्जा देकर सरकार उन्हें एक लाचार और असहाय श्रमिक की स्थिति में खड़ा कर रही है, जो पूरी तरह अनुचित है।

डॉ पुन्याल ने कहा “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस सरकार, जो स्थायी नौकरियों का वादा कर सत्ता में आई थी, अब युवाओं को संविदा और ट्रेनिंग के नाम पर ठग रही है। उप मुख्यमंत्री स्वयं कई मंचों से यह कह चुके हैं कि युवाओं को 58 वर्ष तक की स्थायी सरकारी नौकरी दी जाएगी। परंतु आज उनकी कथनी और करनी में स्पष्ट विरोधाभास दिख रहा है।”

डॉ. पुन्याल ने कहा कि यह नीति स्पष्ट रूप से युवाओं को भ्रमित करने और रोजगार के नाम पर उन्हें सस्ती श्रमशक्ति की तरह इस्तेमाल करने की एक चाल है। उन्होंने कहा कि—यह नीति युवाओं के भविष्य के साथ एक खतरनाक प्रयोग है, जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।”

नीति में छिपा अन्याय – तथ्यों के साथ

• धारा (ii): “सेवाओं को नियमितीकरण के लिए विचार किया जाएगा” — यानी सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं।

• धारा (iii): “जॉब ट्रेनी को किसी हालत में सरकारी कर्मचारी नहीं माना जाएगा” — यानी उन्हें कोई अधिकार नहीं।

• धारा (vi): ट्रेनी सरकार का नहीं, किसी स्वायत्त संस्था का कर्मचारी होगा — यानी सरकार खुद को जवाबदेही से अलग कर रही है।

• धारा (viii): चयन प्रक्रिया “अधिकृत एजेंसी” द्वारा — यानी निष्पक्षता पर सवाल।

• धारा (xvii): दो साल सेवा के बाद फिर एक और परीक्षा — यानी दोहरी मानसिक प्रताड़ना।

उन्होंने कहा, क्या हिमाचल का युवा केवल “प्रयोगशाला का चूहा” बनकर रह जाएगा?

दो साल तक कार्य करवाने के बाद एक और परीक्षा लेना, क्या यह दोहरी मानसिक प्रताड़ना नहीं है?

शपथपत्र लेकर यह कहलवाना कि उन्हें सरकारी सेवाओं से कोई अधिकार नहीं चाहिए – क्या यह युवाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित करना नहीं है?

यह युवाओं के साथ एक प्रकार का शोषण है, जिसमें उन्हें कम मानदेय पर काम कराया जाएगा, बिना भविष्य की स्थिरता के।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। हर साल लाखों नौकरियों का वादा करने वाली सरकार अब रोजगार के नाम पर ‘शोषण पॉलिसी’ लागू कर रही है।

डॉ.पुन्याल ने राज्य सरकार से यह मांग की है कि

• जॉब ट्रेनी पॉलिसी को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।

• स्थायी और नियमित सरकारी नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू की जाए।

 

Dharampur Express
Author: Dharampur Express

Himachal Pradesh