जीते जी इंसाफ नहीं मिला मरने के बाद तो इंसाफ दे प्रशासन व सरकार : अलीशा धीमान 

धर्मपुर एक्सप्रेस। हमीरपुर 

13 अप्रैल को ओडिशा के बालेश्वर स्थित एक महाविद्यालय की हमारी प्रतिबद्ध और सक्रिय कार्यकर्ता सौम्याश्री बिशी ने कॉलेज के विभागाध्यक्ष द्वारा की जा रही लगातार मानसिक प्रताड़ना और चरित्र पर अमर्यादित टिप्पणियों से आहत होकर आत्मदाह जैसा कठोर कदम उठाया। इस दुखद समाचार ने सम्पूर्ण अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् परिवार को शोकाकुल और स्तब्ध कर दिया है।

 

अभाविप यह स्पष्ट करना चाहती है कि सौम्याश्री की मृत्यु कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि व्यवस्थागत संवेदनहीनता और महिला सुरक्षा की विफलता का परिणाम है। यह घटना यह प्रश्न खड़ा करती है कि क्या हमारे महाविद्यालय छात्राओं के लिए सुरक्षित हैं?

अभाविप हमीरपुर की इकाई इस घटना का विरोध करती है व सौम्याश्री को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। इकाई उपाध्यक्ष अलीशा का कहना है कि भारत की संस्कृति नारी को देवी के समान पुजा करती है उनका कहना है कि जहां नारी की पूजा होती है वहां देवताओं का वास होता है लेकिन एक महाविद्यालय की छात्रा शारीरिक और मानसिक शोषण का शिकार होती है तथा वह अपनी व्यथा प्रशासन व सरकार के समक्ष रखती है लेकिन उसकी अपील पर कोई भी कार्यवाही नहीं होती है जिसके कारण उसे आत्मदाह जैसा रास्ता अपनाना पड़ता है खुद को जिंदा जलाना कितना बड़ा निर्णय होगा अगर हमारा हाथ जल जाए तो कितनी दर्द होती है तो सोचिए कि उसे छात्रा की मनोदशा क्या थी जिसने पूरे का पूरा शरीर आग के हवाले कर दिया अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हमीरपुर यह मांग करती है कि उसे बहन को इंसाफ दिया जाए जीते जी उसे इंसाफ नहीं मिला है कम से काम मरने के बाद तो उसे इंसाफ दिया जाए ।

Dharampur Express
Author: Dharampur Express

Himachal Pradesh