विश्व होम्योपैथी दिवस: डॉ. सैम्युअल हैनीमैन की जयंती पर होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की उपयोगिता पर जोर

धर्मपुर एक्सप्रेस। हमीरपुर

विश्व होम्योपैथी दिवस हर साल 10 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. सैम्युअल हैनीमैन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। डॉ. हैनीमैन का जन्म 10 अप्रैल 1755 को जर्मनी में हुआ था। वर्ष 1796 में उन्होंने होम्योपैथी की खोज की और इसे एक प्रभावशाली उपचार प्रणाली के रूप में विकसित किया। उनकी चिकित्सा पद्धति को विश्वभर में लोकप्रियता मिली।
डॉ. पुन्याल ने बताया कि होम्योपैथी एक वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली है जो “जैसा रोग, वैसा इलाज” के सिद्धांत पर आधारित है। यह उपचार विधि शरीर की स्व-चिकित्सात्मक क्षमता को बढ़ाती है और रोग के मूल कारण पर कार्य करती है। होम्योपैथिक दवाएं प्राकृतिक स्रोतों जैसे पौधों, खनिजों और पशु उत्पादों से बनाई जाती हैं। यह चिकित्सा प्रणाली कोमल और बिना किसी दुष्प्रभाव के होती है ।

होम्योपैथी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह रोग को जड़ से खत्म करने का कार्य करती है। यह केवल लक्षणों को दबाने के बजाय रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती है। इसके अतिरिक्त, होम्योपैथिक दवाओं के कोई दुष्प्रभाव नहीं होते और ये सभी उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित होती हैं। होम्योपैथी विशेष रूप से त्वचा रोगों, एलर्जी, पाचन संबंधी समस्याओं, माइग्रेन, मानसिक तनाव और सर्दी-जुकाम के इलाज में प्रभावी मानी जाती है।

डॉ. सैम्युअल हैनीमैन ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की कठोरता और उनके हानिकारक प्रभावों को देखकर एक नई उपचार प्रणाली विकसित करने का निर्णय लिया। उन्होंने “जैसा रोग, वैसा इलाज” के सिद्धांत पर आधारित होम्योपैथी की शुरुआत की। इसका अर्थ है कि जो पदार्थ किसी स्वस्थ व्यक्ति में विशेष लक्षण उत्पन्न करता है, वही पदार्थ होम्योपैथिक रूप में रोगी में उन्हीं लक्षणों का इलाज कर सकता है।

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य होम्योपैथी के प्रति जागरूकता फैलाना और इसकी वैज्ञानिक आधारशिला को मजबूत करना है।
डॉ. सुमित पुन्याल पिछले 9 वर्षों से होम्योपैथी के क्षेत्र में कार्यरत हैं और प्रदेश के लोगों को होम्योपैथी का लाभ दे रहे हैं। उनके प्रयासों से प्रदेश में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता विभिन्न स्तरों, जैसे एनजीओ, संगठनों, शिक्षण संस्थानों, आईसीडीएस और पंचायत स्तर तक फैली है।
डॉ पुन्याल को दो राज्यस्तरीय व एक राष्ट्रीय सम्मान होम्योपैथी जागरुकता व अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए मिले है।
डॉ. पुन्याल ने बताया कि यह एक प्राकृतिक और सौम्य चिकित्सा पद्धति है, जो न केवल बीमारियों का इलाज करती है, बल्कि उनके मूल कारणों को भी दूर करती है, और इसका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।”

उन्होंने कहा कि होम्योपैथी केवल उपचार का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी पद्धति है जो व्यक्ति को संपूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करती है। डॉ. पुन्याल ने यह भी कहा कि उनकी कोशिश है कि समाज को होम्योपैथिक चिकित्सा की उपयोगिता और प्रभावशीलता के बारे में जागरूक किया जाए, ताकि इसे स्वास्थ्य देखभाल का मुख्य विकल्प बनाया जा सके। निशुल्क परामर्श के लिए 9418888011 पर संपर्क करे व होम्योपैथी को उपचार के लिए मुख्य विकल्प बनाये।

Dharampur Express
Author: Dharampur Express

Himachal Pradesh