किसान सम्मान निधि के तहत देश के किसानों को सीधे मिले 3.68 लाख करोड़ रुपए : जयराम ठाकुर

धर्मपुर एक्सप्रेस। हमीरपुर 

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी की स्थापना समारोह में शामिल हुए। स्थापना समारोह के बाद वे सुंदरनगर के कृषि विज्ञान केंद्र में किसान सम्मान समारोह में भी शामिल हुए। जयराम ठाकुर ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के भागलपुर से देश के लगभग 10 करोड़ किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि की 19 वीं किस्त के रूप में 22,000 करोड़ रुपए डीबीटी के माध्यम से जारी किये। जिसमें से 9 लाख 73 किसान हिमाचल प्रदेश के हैं। जिनके खाते में 180 करोड़ रुपए आए हैं। अब तक देश के किसानों को किसान सम्मान निधि के रूप में 3.68 लाख करोड़ रुपये मिल चुके हैं। यह बहुत बड़ी धनराशि है। फरवरी 2019 के बाद से अब तक देश के लगभग 10 करोड़ किसानों को समान रूप से किसान सम्मान निधि मिल रही है। इसके लिए प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार। यह मोदी की गारंटी है जो देश उन्होंने देश के अन्नदाताओं को दी है। यह नया भारत है जहाँ किसानों को भेजे जानी वाली पाई-पाई सीधे उनके खाते में पहुंचती है। कोई भी दिल्ली से भेजे पैसे पर पंजा नहीं मार सकता है।

 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नरेंद्र मोदी का सेवा काल किसानों के लिए स्वर्णकाल है। वर्ष 2014-15 में देश का कृषि बजट 25.5 हज़ार करोड़ था जो 2024-25 में ₹1 लाख 22,528 करोड़ हुआ। वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को बजट में 1.37 लाख करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। यह धनराशि यूपीए के कार्यकाल के मुकाबले पाँच गुना से ज़्यादा है। इस बार के कृषि बजट में भी किसानों का विशेष ध्यान रखा गया है। एनडीए के कार्यकाल में कृषि अवसंरचना कोष के तहत 1 लाख करोड़ रुपए का निवेश कर कृषि सुविधाओं का विस्तार किया गया है। इस बार के बजट में केसीसी की ऋण सीमा को भी 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है। इसका फायदा देश के 7.75 करोड़ केसीसी धारक किसानों को होगा। देश के 24 करोड़ से ज़्यादा किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिया जा चुका है। जिससे उनकी बहुत बचत हुई है। 100 पर्सेंट नीम कोटेड यूरिया से यूरिया की कालाबाजारी रुकी और किसानों को उचित दर पर उपलब्ध हो सकी। परंपरा कृषि विकास योजना के तहत के तहत 1980 करोड़ का फंड देश के 8.13 लाख किसानों को दिया गया।पिछले दस सालों में 6500 करोड़ रुपए किसानों को कृषि मशीनरी खोलने के लिए दिए गए हैं। इनाम ऐप पर 1.7 करोड़ किसान और 2.6 लाख ट्रेडर अपने आप को रजिस्ट्री कर चुके हैं, जिससे किसानों को सीधे बाजार मिल रहा और वह सरकार की निगहबानी में निश्चिंत होकर अपने सभी प्रोडक्ट्स बेच रहे हैं। इसी के चलते पिछले दस सालों में देश में खाद्यान्न उत्पादन डेढ़ गुना बढ़कर 329 मिलियन टन हुआ।

 

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश के किसानों को सब्सिडी पर फ़र्टीलाइजर्स उपलब्ध हो सके इसके लिए पिछले दस सालों में 11 लाख करोड़ रुपए भारत सरकार ने खर्च किए हैं। देश में पहले बार 22 फसलों की एमएसपी उनके लागत का से 50 प्रतिशत अधिक रखी गई है। पिछले दस सालों में ज्वार- बाजरा समेत कई फसलों के एमएसपी में दो गुना की वृद्धि हुई है। पिछले दस सालों में देश के किसानों को गेंहूँ और धान की फसलों के एमएसपी के लिए 18 लाख करोड़ रुपए का डीबीटी किया है। यह राशि कांग्रेस सरकार के मुक़ाबले ढाई गुना से ज़्यादा है। तिलहन और दलहन की फ़सलो पर मोदी सरकार ने 1.25 लाख करोड़ रुपए एमएसपी पर खर्च किए हैं।

Dharampur Express
Author: Dharampur Express

Himachal Pradesh