मुख्यमंत्री की दरियादिली से बदली नमिश की जिंदगी

धर्मपुर एक्सप्रेस। हमीरपुर

बचपन से ही एक दुर्लभ बीमारी एवं विकलांगता की शिकार बच्ची के इलाज और उसके गले एवं कान में महंगी मशीन लगाने हेतु पैसे के जुगाड़ के लिए अगर एक बेबस पिता जहां-तहां भटक रहा हो और उसे कहीं से एकाएक लाखों रुपये की आर्थिक मदद मिल जाए तो उस पिता के लिए इससे बड़ी राहत और क्या हो सकती है?

ऐसी परिस्थितियों का सामना कर रहे लोगों के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू एक बहुत बड़ी उम्मीद बन चुके हैं। मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के माध्यम से ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ऐसे कई असहाय एवं जरुरतमंद लोगों की मदद कर चुके हैं, जोकि महंगा इलाज करवाने में असमर्थ थे या जीवन की पूरी कमाई इलाज पर ही खर्च चुके थे।

मुख्यमंत्री की इसी दरियादिली ने नादौन उपमंडल के भूंपल क्षेत्र के गांव झमेड़ की एक लड़की नमिश वडियाल को नई जिंदगी दी है। सरकारी स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ रही नमिश जन्म से ही एक दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त थीं। वह बोलने और सुनने में असमर्थ थीं। नमिश के पिता संजय वडियाल ने बताया कि कुछ वर्ष पहले उन्होंने पीजीआई चंडीगढ़ में अपनी बेटी का इलाज करवाया और उसके गले में एक मशीन लगवाई, जिससे वह बोलने एवं सुनने में सक्षम हुई। लेकिन, अभी कुछ महीने पहले यह मशीन खराब हो गई तथा नमिश का बोलना एवं सुनना एक बार फिर बंद हो गया।

नमिश को पीजीआई में चेक करवाया तो डॉक्टरों ने मशीन को बदलने की सलाह दी। इससे नमिश के पिता और अन्य परिजनों की चिंता फिर बढ़ गई। सात लाख रुपये की इस मशीन को दोबारा लगवाना, उनके लिए मुश्किल था। क्योंकि, नमिश के इलाज पर वह पहले ही लाखों रुपये खर्च कर चुके थे।

पैसे की कमी के कारण संजय को लगा कि अब उनकी बेटी शायद ही एक आम जिंदगी जी पाएगी। थक-हारकर उन्होंने अपनी व्यथा मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू तक पहुंचाई। नमिश के इलाज का मामला मुख्यमंत्री के समक्ष आने पर उन्होंने तुरंत मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से साढे चार लाख रुपये जारी कर दिए।

यह धनराशि मिलते ही संजय ने अपनी बेटी का इलाज करवाया तथा मशीन लगवाई। अब नमिश इस अत्याधुनिक मशीन की मदद से अन्य बच्चों की तरह आम जिंदगी जी रही है तथा सरकारी स्कूल में पढ़ रही है। मुख्यमंत्री का बार-बार आभार व्यक्त करते हुए नमिश और उनके पिता संजय कहते हैं मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से आर्थिक मदद मिलने से उन्हें नई जिंदगी मिली है।

Dharampur Express
Author: Dharampur Express

Himachal Pradesh