मेडिकल कॉलेज के दोनों भवन बनकर तैयार: डॉ रमेश भारती

धर्मपुर एक्सप्रेस। हमीरपुर 

जोल-सप्पड़ में स्थित निर्माणाधीन हमीरपुर के मेडिकल कॉलेज परिसर में यदि फर्नीचर की खरीद हो जाए, तो फिर यह मेडिकल कॉलेज परिसर शुरू हो जाएगा। पिछले 2 साल से इसके उद्घाटन की इंतजार हो रही है। अब केवल फर्नीचर की खरीद की वजह से ही इसके उद्घाटन में देरी हो सकती है।

हमीरपुर के रीजनल अस्पताल में चल रहे मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं पहले ही कई मामलों में औंधे मुंह गिरी हुई हैं। क्योंकि यहां मरीजों की तादाद बेशुमार बढ़ी हैं और व्यवस्थागत खामियों की वजह से अब जितना जल्दी हो सके, मेडिकल कॉलेज को हमीरपुर से जोल-सप्पड़ स्थानांतरित करने की दिशा में देरी नहीं होनी चाहिए।

6 माह पहले मुकम्मल हो चुका एकेडमिक ब्लॉक

क्योंकि सबसे महत्वपूर्ण मेडिकल कॉलेज का एकेडमिक ब्लॉक का निर्माण तकरीबन 6, 7 महीने पहले मुकम्मल हो चुका है। इसमें बिजली पानी सीवरेज सभी तरह की सुविधा सुसज्जित हो चुकी है केवल फर्नीचर की खरीद होनी है। जिसकी वजह से यह बिल्डिंग सज-धज जानी है।

अस्पताल बिल्डिंग भी 96 फ़ीसदी मुकम्मल

अस्पताल बिल्डिंग का काम 96 फ़ीसदी से ज्यादा मुकम्मल हो चुका है। अब केवल भीतरी पुताई होनी है। उसमें ज्यादा वक्त नहीं लगता। लेकिन यहां भी अस्पताल की जरूरत के मुताबिक जो जरूरी उपकरण और फर्नीचर की खरीद होनी है, अब केवल उसी पर सारी नजरें टिक गई हैं।

शिफ्टिंग में मुख्य फर्नीचर और उपकरण

मेडिकल कॉलेज के नए परिसर में केवल फर्नीचर और उपकरण यही सबसे महत्वपूर्ण है। इनकी खरीद जब तक नहीं होती शिफ्टिंग में यही रोड़ा बने रहेंगे।

बिजली, पानी, सीवरेज सब ओके

बिजली पानी की सप्लाई और सीवरेज यह सबसे महत्वपूर्ण रहती है। इन तीनों की स्थिति इस कैंपस में ओके हो चुकी है। एस्टल भावनाओं में अग्निशमन की स्थिति भी साथ ही तैयार हो चुकी है।

सैंपल कलेक्शन सेंटर निर्माण बेकार

लाखों रुपए तो सैंपल कलेक्शन सेंटर पर खर्च कर दिए, लेकिन अब बिजली पानी और अन्य सुविधाएं नहीं जुटा जा रही है। पिछले 6 महीनों से काम लटका हुआ है। यह काम कंप्लीट हो जाता, तो मरीज और उनके तामीरदारों को अच्छी खासी सुविधा हो जाती।

मशीनरी और इक्विपमेंट इंस्टॉलेशन पर लगेगा वक्त

क्योंकि अस्पताल चलाने के लिए मशीनरी और इक्विपमेंट इंस्टॉलेशन को लेकर भी भगत लगेगा। मगर इनकी खरीद के लिए आर्डर भी तो जारी होना है। उसके लिए पैसा भी चाहिए। 2 से 6 माह तक का समय इनकी उपलब्धता के लिए लग जाता है।

2016 में हुआ था शिलान्यास

मेडिकल कॉलेज के निर्माण का 2016 में शिलान्यास हुआ था तब 377 करोड रुपए इसके लिए रखे गए थे उसके बाद 50 करोड़ और मिला लेकिन अब क्योंकि फर्नीचर और अन्य इक्विपमेंट्स को लेकर करोड़ों रुपए चाहिए हैं। इसकी व्यवस्था जैसे ही होगी, नए परिसर में माहौल उद्घाटन और हमीरपुर से यहां मेडिकल कॉलेज को स्थानांतरित करने का बन जाएगा।

 

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ रमेश भारती का कहना है कि दोनों भवन बनकर तैयार हो गए हैं। अस्पताल भवन का काम भी 96 फीसदी हो चुका है। अब रंग रोगन का हिस्सा बचा है, वह 10, 15 दिनों में हो जाता है।

Dharampur Express
Author: Dharampur Express

Himachal Pradesh